DA Arrear Latest Update : केंद्र सरकार ने हाल ही में कर्मचारियों के लिए महंगाई भत्ता (DA) और इसके एरियर को लेकर एक अहम फैसला लिया है। 18 माह का लंबित डीए एरियर और 54% DA की मांग को लेकर सरकारी कर्मचारियों में काफी उत्साह और उम्मीदें थीं, और इस मुद्दे पर कैबिनेट बैठक के बाद सरकार ने U-Turn लेते हुए कुछ महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं। इस लेख में हम DA एरियर, इसके बढ़ने के कारण, सरकार के रुख, और कर्मचारियों पर इसके प्रभाव का विस्तार से विश्लेषण करेंगे।
महंगाई भत्ता (DA) क्या है?
महंगाई भत्ता सरकारी कर्मचारियों को महंगाई की मार से राहत देने के लिए दिया जाने वाला एक भत्ता है। यह भत्ता समय-समय पर बढ़ती महंगाई दर के आधार पर निर्धारित किया जाता है, ताकि कर्मचारियों की क्रय शक्ति में कमी न हो। सरकार साल में दो बार DA दर को बढ़ाती है ताकि कर्मचारियों की आय महंगाई के अनुरूप रहे।
18 माह का लंबित DA एरियर क्या है?
कोरोना महामारी के दौरान केंद्र सरकार ने वित्तीय बोझ कम करने के उद्देश्य से DA बढ़ोतरी पर रोक लगा दी थी। यह रोक अप्रैल 2020 से लेकर जून 2021 तक जारी रही, जिसके कारण सरकारी कर्मचारियों के DA में बढ़ोतरी नहीं हो पाई। इस अवधि का DA एरियर लगभग 18 माह का बनता है, जिसे अब कर्मचारी पाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
54% DA की मांग क्यों?
54% DA की मांग का कारण महंगाई दर में तेज़ी से हुई बढ़ोतरी है। कई कर्मचारी संगठनों और यूनियनों का कहना है कि बढ़ती महंगाई के बावजूद DA दर को इतनी तेजी से नहीं बढ़ाया गया, जितना की आवश्यक था। यही कारण है कि कर्मचारी 54% DA की मांग कर रहे हैं ताकि उनकी वित्तीय स्थिति पर महंगाई का असर कम हो सके।
सरकार का U-Turn
सरकार ने पहले DA एरियर के भुगतान पर विचार करने का आश्वासन दिया था, लेकिन हाल ही की कैबिनेट बैठक में अचानक से U-Turn लेते हुए इस मुद्दे पर स्पष्टता नहीं दी। सरकार का यह रुख कर्मचारियों में असंतोष का कारण बन रहा है। इसके पीछे सरकार ने वित्तीय संकट और अन्य प्रावधानों का हवाला दिया, जिसके चलते DA एरियर पर निर्णय नहीं लिया जा सका।
कैबिनेट बैठक में लिए गए प्रमुख निर्णय
कैबिनेट बैठक में DA को लेकर कुछ महत्वपूर्ण फैसले किए गए, लेकिन 18 माह का एरियर देने पर कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया। सरकार ने DA में बढ़ोतरी की मंजूरी दी, लेकिन 18 माह के एरियर का भुगतान नहीं करने की बात भी स्पष्ट की। सरकार के इस कदम से कर्मचारियों को निराशा का सामना करना पड़ा है।
DA एरियर का भुगतान क्यों नहीं किया गया?
सरकार का तर्क है कि DA एरियर का भुगतान करने से सरकारी कोष पर भारी बोझ पड़ेगा। कोरोना के बाद आर्थिक स्थिति पहले से ही कमजोर है, और ऐसे में DA एरियर का भुगतान करना वित्तीय दृष्टि से उचित नहीं माना गया। सरकार ने यह भी कहा कि आने वाले बजट में अन्य योजनाओं के लिए धनराशि की आवश्यकता है, जिसके चलते DA एरियर पर निर्णय नहीं लिया गया।
DA बढ़ोतरी और उसका प्रभाव
कैबिनेट ने कर्मचारियों के लिए DA बढ़ाने का निर्णय लिया है। 54% DA की मांग की जा रही थी, लेकिन इसे पूर्णत: स्वीकार नहीं किया गया। हालांकि, मौजूदा DA में बढ़ोतरी कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति में कुछ सुधार करेगी, लेकिन 18 माह का एरियर न मिलने से वह पूरी तरह से संतुष्ट नहीं हो पाएंगे।
कर्मचारी संगठनों की प्रतिक्रिया
कर्मचारी संगठनों और यूनियनों ने सरकार के इस निर्णय पर नाराजगी जताई है। उन्होंने DA एरियर के भुगतान को लेकर सरकार से पुनः विचार करने की मांग की है। यूनियनों का मानना है कि कर्मचारियों ने लॉकडाउन के दौरान भी अपने कर्तव्यों का पूरी तरह पालन किया था, और इसलिए उन्हें उनका बकाया DA मिलना चाहिए।
भविष्य की संभावनाएं और सरकार की चुनौती
सरकार के पास अब दो विकल्प हैं – या तो वह DA एरियर का भुगतान करे या कर्मचारियों को इसके लिए अन्य भत्तों में राहत दे। अगर सरकार आने वाले समय में कर्मचारियों के प्रति सकारात्मक रुख अपनाती है, तो इससे कर्मचारियों का मनोबल बढ़ेगा। दूसरी ओर, DA एरियर का भुगतान करने से सरकारी खजाने पर भी भारी असर पड़ सकता है।
निष्कर्ष
DA एरियर का मुद्दा केंद्र सरकार और कर्मचारियों के बीच एक प्रमुख चर्चा का विषय बना हुआ है। कैबिनेट बैठक में सरकार ने इस मुद्दे पर U-Turn लिया, जिससे कर्मचारियों में असंतोष है। सरकार ने DA में बढ़ोतरी तो की है, लेकिन 18 माह के एरियर के भुगतान पर कोई फैसला नहीं लिया। इस स्थिति में सरकार के पास वित्तीय संतुलन बनाए रखने की चुनौती है, वहीं कर्मचारियों को भी अपने हक की लड़ाई जारी रखने का संकल्प लेना होगा।